सराड़ा विवाद ने लिया नया रूप,प्रशासन व ग्रामीणों की वार्ता हुई विफल
सराड़ा में समुदाय विशेष के कुछ लोगो द्वारा की गयी चाकूबाजी में नठारा पाल निवासी मुकेश कटारा की मृत्यु हो गयी थी जिसके बाद इलाके में आदिवासी ग्रामीणों ने ढोल बजाकर लोगो को इक्क्ठा किया था जिससे सराड़ा में माहौल तनावपूर्ण हो गया था जिसके चलते समुदाय विशेष के लोगो ने अपने मकानों से पलायन कर उदयपुर समेत कई दूसरे गाँवो में अपने परिजनों के यहाँ शरण ली थी जिसके बाद प्रशासन की और से दावा किया गया था हालात काबू में हे।
आज दोपहर मिली खबर के अनुसार सराड़ा में हालत काबू में होने का दावा गलत साबित हुआ ग्रामीणों ने मृतक के पोस्टमार्टम होने के बाद भी शव लेने से मना कर दिया हे जिसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया हे वही ग्रामीण आरोपियों की फांसी, सराड़ा क्षेत्र में समुदाय विशेष के सभी ठेके निरस्त करने व मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी व मुआवजा देने की मांग पर अड़े हुए हे जिस पर प्रशासन की और से की गयी सभी वार्ता असफल हो चुकी हेव इलाके में अब भी माहौल तनावपूर्ण बना हुआ हे।
चीन के मुद्दों पर मनमोहन सिंह से भी ज्यादा चुप रहते हे प्रधानमंत्री मोदी
कल उदयपुर से एसपी कैलाश चंद्र बिश्नोई व आनंदी के साथ कई अधिकारी मोके पर पहुंचे थे जिसके बाद कई चरणों में प्रशासन व ग्रामीणों में बातचीत की गयी थी जिसके बाद प्रशासन ने दावा किया था की सराड़ा में हालात शांतिपूर्ण हे परन्तु ग्रामीणों ने सभी वार्ता को असफल बताया व अपनी मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी हे।
यह था मामला
केजड़ तालाब पर समुदाय विशेष के आरोपी का सरकार द्वारा ठेका था जिस पर मृतक व उसके साथी अवैध रूप से मछली का शिकार करते थे कई बार समझाइश के बाद भी जब मछलियों का शिकार नहीं रुका तो आरोपी व मृतक मुकेश के बिच झड़प हुई थी जिसके बाद आरोपी ने मुकेश पर हमला कर दिया था जिसके बाद उसकी मोके पर ही मोत हो चुकी थी।
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