जानिये हिन्दुस्तान की सबसे खूबसूरत रानी के बारे में जिनको 2 बार दफनाया गया था
विश्व के सात अजूबो में से एक व मोहब्बत की निशानी के रूप में मशहूर ताज महल आज न केवल भारत बल्कि पुरे विश्व की शान बन चूका हे । ताज महल दुनिया की 165 इमारतों में से एक हे राष्ट्र संग ने विश्व धरोहर होने की सूचि में शामिल कर रखा हे ताज महल हमारे देश की एक ऐसी धरोहर हे जो विदेशी व देसी सैलानियों को अपनी और आकर्षित करती हे आपको बतादे की ताज महल के गर्भ ग्रह में मुग़ल सम्राट शाहजहाँ व उनकी रानी मुमताज बेगम की कब्र हे जिनकी याद में यह ताज महल बनवाया गया था ।
ताज महल को बनाने में करीब 22 वर्ष लगे थे लेकिन शाहजहाँ की पत्नी मुमताज की मृत्यु मध्य प्रदेश के छोटे जिले बुरहानपुर के जैनाबाद ( मुग़ल कालीन ) में प्रसव पीड़ा की वजह से हुई थी। जिसके बाद उन्हें जैनाबाद ( मुग़ल कालीन ) के महल में आहुखाना के बाग़ में दफ़न कर दिया गया था वह ईमारत आज भी उसी जगह खंडहर के रूप में मौजूद हे । लेकिन विद्रोह के कारण शाहजहाँ को अपनी राजधांनी आगरा में बनानी पड़ी जिसके बाद उसने आगरा में यमुना किनारे मुमताज बेगम की याद में ताज महल बनवाया जहा फिर से मुमताज बेगम की लाश को जेनाबाद की कब्र से निकाल कर दफनाया गया, आज भी इन दोनों प्यार करने वालो की कब्र ताजमहल में मौजूद हे जिसे देखने पूरी दुनिया से लोग आते हे ।
ताज महल को बनाने में करीब 22 वर्ष लगे थे लेकिन शाहजहाँ की पत्नी मुमताज की मृत्यु मध्य प्रदेश के छोटे जिले बुरहानपुर के जैनाबाद ( मुग़ल कालीन ) में प्रसव पीड़ा की वजह से हुई थी। जिसके बाद उन्हें जैनाबाद ( मुग़ल कालीन ) के महल में आहुखाना के बाग़ में दफ़न कर दिया गया था वह ईमारत आज भी उसी जगह खंडहर के रूप में मौजूद हे । लेकिन विद्रोह के कारण शाहजहाँ को अपनी राजधांनी आगरा में बनानी पड़ी जिसके बाद उसने आगरा में यमुना किनारे मुमताज बेगम की याद में ताज महल बनवाया जहा फिर से मुमताज बेगम की लाश को जेनाबाद की कब्र से निकाल कर दफनाया गया, आज भी इन दोनों प्यार करने वालो की कब्र ताजमहल में मौजूद हे जिसे देखने पूरी दुनिया से लोग आते हे ।
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