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7 वर्ष की होते ही लड़कियों की कर दी जाती हे खतना,वजह जान कर रूह काँप जाएगी

वैसे तो दुनिया भर के धर्मो व समाज के बिच ऐसी कई कुरीतिया मौदूज हे जिसके बारे में किसी को पता नहीं हे लेकिन जब इन कुरीतियों के बारे में बाहरी लोगो को पता चलता हे तब सच जानकार रूह काँप जाती हे ऐसी ही एक को प्रथा बोहरा समाज में हे जिसे खफ्ज (FGM) या खतना कहा जाता हे जब लड़किया 7 वर्ष या उससे ज्यादा की हो जाती हे तो दाई या खलीफा के जरिये इस प्रथा को करवाया जाता हे। महिलाओ में खफ्ज़ इसलिए भी की जाती हे हे ताकि उनमे योन भावना न जागे। खफ्ज़ (FGM) के 4 तरीके होते हे जो की पीड़ादायक हे।


1 क्लिटोरिस को काटना
इस प्रकिर्या में क्लिटोरिस को आंशिक या पूरी तरह से काट दिया जाता हे।
2 जननांग काटना
क्लिटोरिस को आंशिक या पूरी तरह हटाने के साथ लेबिया माइनोरा ( जननांग ) की अंदरूनी परतो को हटाया जाता हे।
3 जनंनाग को सील देना
इस अवस्था में जननांग के अंदरूनी व बाहरी परतो को रिपोजीशन करने की कोशिश की जाती हे इसमें जननांग को सील दिया जाना भी शामिल हे।
4 इसमें दूसरे बेहद खतरनाक तरीके शामिल हे जिसमे नुकीली चीज से चमड़ी में छेद करना और जनंनाग को सील दिया जाता हे।


महिलाओ में खतना करने की मुख्य वजह सेक्स का आनंद का महसूस करना बंद करना होता हे इसके परिणाम भयावक हो सकते हे जिसमे बांझपन और इन्फेक्शन शामिल हे व इस उत्पीड़न की वजह से मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता हे जिसका असर जिंदगी भर इनके जहाँ में जिन्दा रहता हे क्यों की यह बहुत ही ज्यादा पीड़ादायक होती हे। यह कुप्रथा शिया दाऊदी समाज में आज भी चालु हे जिसका कोई विरोध नहीं कर पाता हालांकि एक एक बोहरा महिला ने इस विषय पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर इस उत्पीड़न के बारे में अवगत कराया था लेकिन अभी  तक इस पर कोई भी कर्यवाही नहीं की गयी हे क्यों की यह समाज के अंदुरुनी जड़ो तक फैली हे व कोई पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज नहीं होती हे तो इस पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही संभव नहीं हे। इस  प्रथा से अफ्रीका,मध्य पूर्व व एशिया की महिलाए त्रस्त हे जो खुल कर अपने साथ हो रहे इस अत्याचार का विरोध भी नहीं कर पाती हे। 

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