लद्दाख के बाद चीन की ताइवान पर नज़र,सैन्य कारवाही करके कब्ज़ा करने की दी धमकी
पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही हे व इससे बचने के उपाय धुंध रही हे वही चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा हे लद्दाख के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा करने व भारतीय सिमा में जबरन घुस कर बैठे चीन की निगाहें ताइवान पर जाकर ठहरी हे चीन के उच्चय अधिकारी ने कहा की ताइवान को किसी भी कीमत पर स्वत्रन्त्र नहीं होने देंगे चाहे इसके लिए सैन्य कार्यवाही ही क्यों न करनी पड़े, विशेषज्ञों की माने तो चीन यह सब अपने उप्पेर लग रहे कोरोना वायरस के फैलने के आरोपों व अन्य देशो की कार्यवाही से बचने के लिए कर रहा हे ताकि सभी मुख्य मुद्दों से अन्य देशो का ध्यान भटकाया जा सके।
चीनी सेना के वरिष्ठ जनरल ली जुओचेंग ने कहा की ताइवान चीन का एक अमूल्य व अभिन्न हिस्सा हे परन्तु ताइवान के अपने आपको स्वतंत्र देश बताने के कारन अगर वह जल्द ही चीन में शांतिपूर्वक विलय नहीं करता हे तो चीन के पास सैन्य कार्यवाही के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं बचेगा जबकी चीन को ताइवान की आम जनता का भी समर्थन प्राप्त हे तथा चीन के द्वारा किसी भी देश विरोधी गतविधि करने वाले को बक्शा नहीं जाएगा उन सभी पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
1949 मे चियांग काई शेक ने तख्ता पलट के बाद द्वीप ( ताइवान ) पर जाकर अपनी सरकार बनाने व ताइवान को स्वतंत्र देश घोषित किया था जिसके बाद से ताइवान एक स्वतंत्र देश के रूप में जाना जाता हे ताइवान के पास अपनी खुद की भी सेना हे जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त हे व अमेरिका भी चीन पर धौंस ज़माने के लिए ताइवान की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता हे , 1949 में चाइना के पास जल सेना समृद्ध नहीं थी जिसकी वजह से उसने उस समय हमला नहीं किया।
चीनी सेना के वरिष्ठ जनरल ली जुओचेंग ने कहा की ताइवान चीन का एक अमूल्य व अभिन्न हिस्सा हे परन्तु ताइवान के अपने आपको स्वतंत्र देश बताने के कारन अगर वह जल्द ही चीन में शांतिपूर्वक विलय नहीं करता हे तो चीन के पास सैन्य कार्यवाही के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं बचेगा जबकी चीन को ताइवान की आम जनता का भी समर्थन प्राप्त हे तथा चीन के द्वारा किसी भी देश विरोधी गतविधि करने वाले को बक्शा नहीं जाएगा उन सभी पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
1949 मे चियांग काई शेक ने तख्ता पलट के बाद द्वीप ( ताइवान ) पर जाकर अपनी सरकार बनाने व ताइवान को स्वतंत्र देश घोषित किया था जिसके बाद से ताइवान एक स्वतंत्र देश के रूप में जाना जाता हे ताइवान के पास अपनी खुद की भी सेना हे जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त हे व अमेरिका भी चीन पर धौंस ज़माने के लिए ताइवान की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता हे , 1949 में चाइना के पास जल सेना समृद्ध नहीं थी जिसकी वजह से उसने उस समय हमला नहीं किया।
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