अयोध्या में मिले अवशेष का सच आया सामने, अयोध्या में कभी राम मंदिर था ही नहीं
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए चल रहे काम में पिछले दिनों कुछ अवशेष मिले थे जिसे जिसे वह काम कर रहे मजदूरों व मंदिर निर्माण के अध्यक्ष ने राम मंदिर के अवशेष बताया था जिसके बाद से देश की कई समाचार एजेंसियो ने अलग अलग कहानी के माध्यम से श्री राम के मंदिर होने के ही अवशेष होने का दावा कर दिया था परन्तु अब इसका सच सामने आया हे तो हर कोई इसे दबाने में लग गया हे।
मिडिया के द्वारा अयोध्या में मिले अवशेषों के फोटो को जब दिखाया गया तब देश के कुछ इतिहासकारो ने इस्पे सवाल खड़े कर दिए क्युकी उनके मुताबिक़ जो अवशेष दिख रहे हे वह सभी सम्राट अशोक के द्वारा बनाए गए बोध स्तूप के हे सबूत के तोर पर एक इतिहास कार ने तो खुदाई में मिली प्रतिमा व बराहुत ( बौद्ध स्तूप ) में मिली महिला की एक समान फोटो भी जारी करदी जिससे यह दावा सच होता दिख रहा हे।
वही विवादित स्थल की दीवार से जुड़े मकान में रहने वाले विनीत कुमार मौर्य ने दावा किया हे की वह अशोक के समय बनाए गए स्तूप ही के ही अवशेष हे पहले भी 2002 में जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जगह को समतल किया जा रहा था तब में वह ट्रेक्टर चलाने का कार्य करता था तब भी वहा बोध अवशेष मिले थे जिसे पुरातात्विक विभाग ने भी माना था पर उन्होंने शान्ति ख़राब होने का हवाला देकर इस रिपोर्ट को बंद लिफाफे में उच्य अधिकारी को सपा था। विनीत ने बताया की पहले भी जो टीम यहाँ खुदाई करने आई थी वह किसी न किसी दबाव में जरूर थी क्युकी पहले 150 बिन्दुओ पर खुदाई करनी थी लेकिन जब 50 गड्ढो से केवल बोध अवशेष मिले तो बाकी बिन्दुओ की खुदाई रोक दी गयी थी जिसका में प्रत्यक्ष गवाह हु ।
मिडिया के द्वारा अयोध्या में मिले अवशेषों के फोटो को जब दिखाया गया तब देश के कुछ इतिहासकारो ने इस्पे सवाल खड़े कर दिए क्युकी उनके मुताबिक़ जो अवशेष दिख रहे हे वह सभी सम्राट अशोक के द्वारा बनाए गए बोध स्तूप के हे सबूत के तोर पर एक इतिहास कार ने तो खुदाई में मिली प्रतिमा व बराहुत ( बौद्ध स्तूप ) में मिली महिला की एक समान फोटो भी जारी करदी जिससे यह दावा सच होता दिख रहा हे।
वही विवादित स्थल की दीवार से जुड़े मकान में रहने वाले विनीत कुमार मौर्य ने दावा किया हे की वह अशोक के समय बनाए गए स्तूप ही के ही अवशेष हे पहले भी 2002 में जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जगह को समतल किया जा रहा था तब में वह ट्रेक्टर चलाने का कार्य करता था तब भी वहा बोध अवशेष मिले थे जिसे पुरातात्विक विभाग ने भी माना था पर उन्होंने शान्ति ख़राब होने का हवाला देकर इस रिपोर्ट को बंद लिफाफे में उच्य अधिकारी को सपा था। विनीत ने बताया की पहले भी जो टीम यहाँ खुदाई करने आई थी वह किसी न किसी दबाव में जरूर थी क्युकी पहले 150 बिन्दुओ पर खुदाई करनी थी लेकिन जब 50 गड्ढो से केवल बोध अवशेष मिले तो बाकी बिन्दुओ की खुदाई रोक दी गयी थी जिसका में प्रत्यक्ष गवाह हु ।
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