छत्तीसग़ढ के पूर्व मुख्यमंत्री का निधन,राजनीती जगत के लिए बड़ी हानि
राजीव गांधी के ख़ास कहे जाने वाले अजित जोगी का रायपुर के श्रीनारायण हॉस्पिटल में तीसरी बार दिल का डोरा पड़ने से निधन हो गया हे जो की राजनीती जगत के लिए एक बड़ी हानि हे, अजित जोगी राजीव गांधी के कहने पर राजनीती में आए थे परन्तु 2016 में कांग्रेस से बगावत करके अपनी पार्टी बना ली थी। डॉक्टरों के द्वारा करीब पेंतालिस मिनट तक उनको बचने की कोशिश की गयी थी जिसके बाद उन्हें मर्त घोषित कर दिया गया।
अजित जोगी ने दोपहर 3.30 मिनट पर अंतिम सांस ली कुछ समय पहले वह वर्ष 2000 में छत्तीसग़ढ को नए राज्य बनाए जाने पर मुख्यमंत्री बनाए गए थे उनका कार्यकाल २००३ तक रहा था वह 9 मई से कोमा में थे जिसकी वजह इमली का बीज उनके गले में फंसने पर दिल का दौरा पड़ा था उसी को बताया जा रहा हे। हालाँकि उनकी तबियत में लगातार सुधार देखा जा रहा था परन्तु अचानक उनकी तबियत बिगड़ने पर परिजनों की अनुमति से उन्हें कार्डियो पल्मनरी रेस्यूसाईटेशन इंजेक्शन भी दिया गया परन्तु तमाम कोशिशे नाकाम रही जिसके बाद उनके सुपुत्र अमित जोगी जी ने ट्वीट करके इस दुखद खबर की जानकारी दी जिसके बाद कई राजनेताओ ने इसे राजनीती के लिए बड़ी हानि बताया हे।
अजित जोगी ने दोपहर 3.30 मिनट पर अंतिम सांस ली कुछ समय पहले वह वर्ष 2000 में छत्तीसग़ढ को नए राज्य बनाए जाने पर मुख्यमंत्री बनाए गए थे उनका कार्यकाल २००३ तक रहा था वह 9 मई से कोमा में थे जिसकी वजह इमली का बीज उनके गले में फंसने पर दिल का दौरा पड़ा था उसी को बताया जा रहा हे। हालाँकि उनकी तबियत में लगातार सुधार देखा जा रहा था परन्तु अचानक उनकी तबियत बिगड़ने पर परिजनों की अनुमति से उन्हें कार्डियो पल्मनरी रेस्यूसाईटेशन इंजेक्शन भी दिया गया परन्तु तमाम कोशिशे नाकाम रही जिसके बाद उनके सुपुत्र अमित जोगी जी ने ट्वीट करके इस दुखद खबर की जानकारी दी जिसके बाद कई राजनेताओ ने इसे राजनीती के लिए बड़ी हानि बताया हे।
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