जानिये क्यों दिया द्रोपदी ने कुत्तो को श्राप
यह घटना महाभारत काल की हे लेकिन पुराणों में इसका कही उल्लेख नहीं हे परन्तु लोक गाथाओ में इसका जिक्र जरूर आता हे माना जाता हे की द्रोपदी के श्राप के कारण ही कुत्ते ( श्वान ) खुले में सम्भोग करते हे.
दरसल पांडवो ने अपनी माँ कुंती के कहने पर द्रोपदी से विवाह किया था और भगवान् श्री कृष्ण ने पांचो पांडवो को पुत्र प्राप्ति के लिए सलाह दी थी की वह साल में एक बार एक ही पांडव द्रोपदी के साथ सबंध बनाए व शारीरिक वासनाओ के चलते जब भी एक पांडव द्रोपदी के साथ हो तब वह अपनी पादुकाए ( जुते ) कुटिया के बहार रखे ताकि दूसरे पांडव मर्यादा का ध्यान रखते हुए कुटिया में न जा पाए.
एक दिन द्रोपदी पांडव में से एक भाई के साथ समय बिता रही थी तभी किसी कुत्ते ने पांडव के पादुकाए ( जूते ) को वह से उठा कर कही और रख दिया जब महाबली अर्जुन कुटिया के पास आए और वहा किसी की पादुकाए नहीं दिखी तो कुटिया में प्रवेश कर गए जहा उन्होंने द्रोपदी को अपने भाई के साथ योन क्रिया करते हुए देख लिया जिससे तीनो शर्मसार हो गए , जब द्रोपदी को पता चला यह सब कुत्ते की वजह से हुआ हे तो उन्होंने कुत्ते को श्राप दिया जिसकी वजह से कुत्ते आज तक खुले में सम्भोग करते हे और दुनिया के द्वारा उन्हें हिन् भावना से देखा जाता हे अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो आप कमेंट करके अपने विचार हमसे सजा जरूर करे.
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