वक्फ बोर्ड की लापरवाही बन रही हे समाज की कामयाबी का रोड़ा
नयी दिल्ली, देश में मुस्लिम समाज की चल अचल सम्पतियो का ध्यान रखने वाली तथा सरकार को मुस्लिम समाज की परेशानियों से अवगत कराने वाली संस्था मुस्लिम वक्फ बोर्ड अपनी लापरवाही के कारन समाज के विकास में रोड़ा बनी हुई हे जिसके पीछे कोई आवाज़ उठाने वाला नहीं है जिसके चलते आज मुस्लिम वक्फ बोर्ड के कई जिम्मेदार भविष्य को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे है ।
आपको बतादे की मुस्लिम समाज को दान में मिली चल अचल सम्पति व उससे आने वाली राशि का हिसाब मुस्लिम वक्फ बोर्ड रखता है परन्तु देश के लगभग सभी हिस्सों में मुस्लिम वक्फ बोर्ड की ज़मीनो पर कब्जे हो रहे जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है वही खुद कभी वक्फ बोर्ड के जिम्मेदार रह चुके लोग इसकी सम्पति पर कब्जा जमाए हुए है जो की किराए के रूप में आज भी वक्फ बोर्ड की सम्पति को महज 100 रूपए से लेकर 500 रूपए चुकाते है जबकि आस पास के क्षेत्रों में मासिक किराया 10000 रूपए से लेकर 60000 रूपए तक है ।
कही कही तो यह हाल है सालो से किराया तक नहीं चुकाया गया तो कही पूर्ण रूप से कब्जा कर लिया गया है जिस पर मुस्लिम समाज का हक़ है । देश के कई शहरो में यह हाल है की कब्रिस्तानों में मुर्दो को दफनाने के लिए भी जगह नहीं बची है जिसकी सुध लेने वाला तक कोई नहीं है वही वक्फ बोर्ड के साथ या बाद में शुरू हुई अन्य संस्था आज अपने समाज में उन्नति के लिए काम कर रही है जो की अपने अपने समाज के लिए सामुदायिक भवन से लेकर शिक्षण संस्थानों के निर्माण जैसे कामो में लगी हुई है लेकिन वक्फ बोर्ड की लापरवाही अपने ही समाज के लिए रोड़ा बनती हुई नज़र आ रही है ।
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